Computer Ke Prakar in hindi : Types of Computer in Hindi

Introduction

हमारे दैनिक जीवन में कंप्यूटर अनिवार्य है, और डिजिटल दुनिया को समझने के लिए विभिन्न “Computer ke prakar in hindi” को समझना आवश्यक है। हम इस लेख में कई प्रकार के कंप्यूटरों का पता लगाएंगे और उनकी क्षमता और अनुप्रयोगों पर चर्चा करेंगे।

Computer Ke Prakar in hindi | Types of Computer in HIndi

यहाँ कंप्यूटर को कई आधारों पर बाँटा गया है, और हमें सभी आधारों को समझना होगा, जो नीचे चित्र में दिखाया गया है।

On the Basis of Size ( आकर के आधार पर )

आकर के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न है :

  1. माइक्रो कंप्यूटर ( Micro Computer ) : – ये माइक्रो कम्प्यूटर इतने छोटे हैं कि इन्हें डेस्क पर आसानी से रखा जा सकता है। आधुनिक युग में माइक्रो कम्प्यूटर फोन के आकार , पुस्तक के आकार तथा घड़ी के आकार में भी उपलब्ध हैं । ये कम्प्यूटर मुख्यतः व्यवसाय और चिकित्सा क्षेत्र में उपयोग किए जाते हैं। माइक्रो कम्प्यूटर्स कई प्रकार के होते हैं ।
    • Desktop Computers
    • Laptops
    • Notebooks
    • Tablets
    • Smartphones
  2. मिनी कम्प्यूटर ( Mini Computer ) : – मध्यम आकार के इन कम्प्यूटरों की कार्यक्षमता तथा कीमत दोनों ही माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक होती है । इस प्रकार के कम्प्यूटरों पर एक या एक से अधिक व्यक्ति एक समय में एक से अधिक कार्य कर सकते हैं । इनका उपयोग प्राय : छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनियाँ करती हैं । मिनी कम्प्यूटर की गति 10 से 30 MIPS Mega Instructions Per Second ) होती है ; जैसे- HP 9000 , RISC 6000 , BULL HN – DPX2 और AS 400 आदि ।
  3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर ( Mainframe Computer ) : – ये कम्प्यूटर आकार में अत्यधिक बड़े होते हैं । ये कम्प्यूटर कार्यक्षमता और कीमत में भी मिनी तथा माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होते हैं । अधिकतर कम्पनियों में मेनफ्रेम कम्प्यूटरों का उपयोग भुगतानों का ब्यौरा रखने , बिलों को भेजने , कर्मचारियों का भुगतान करने , उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी वस्तुओं का ब्यौरा रखने इत्यादि कार्यों में किया जाता है ; जैसे— CDS- CYBER , IBM 4381 , ICL 39 , UNIVAC – 1110 आदि ।
  4. सुपर कम्प्यूटर ( Super Computer ) : – ये कम्प्यूटर सर्वाधिक गति , संग्रह क्षमता एवं उच्च विस्तार वाले होते हैं । इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है । विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर ‘ क्रे रिसर्च कम्पनी ‘ द्वारा वर्ष 1976 में विकसित क्रे -1 ( Cray – 1 ) था । भारत द्वारा निर्मित प्रथम सुपर कम्प्यूटर का नाम ‘ परम ‘ ( PARAM ) है , इसका विकास C – DAC ने पुणे में किया है । भारत में देश का सबसे तेज और पहला मल्टीपेटाफ्लोप्स सुपर कम्प्यूटर 8 जनवरी , 2018 को केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ . हर्षवर्द्धन ने पुणे में स्थापित किया । इसका नाम प्रत्यूष ( Pratyush ) रखा गया । इसकी क्षमता 8 पेटाफ्लॉप है । सुपर कम्प्यूटर का मुख्य उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने , एनीमेशन का निर्माण करने , अन्तरिक्ष यात्रा के लिए अन्तरिक्ष यात्रियों को अन्तरिक्ष में भेजने , बड़े वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओं में शोध व खोज करने इत्यादि कार्यों में किया जाता है ; जैसे – PARAM , PARAM – Yuva II , Pratyush आदि

On the Basis of Work ( कार्य के आधार पर )

कार्य के आधार पर कंप्यूटर तीन प्रकार के होते है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न है :

On the Basis of Purpose ( उद्देश्य के आधार पर )

उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर तीन प्रकार के होते है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न है :

  1. सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर ( General Purpose Computer ) : – सामान्य कार्य को पूरा करने के लिए इन कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता है । इनके द्वारा डॉक्यूमेण्ट तैयार करने , उन्हें प्रिण्ट करने , डाटाबेस बनाने तथा पत्र तैयार करने , इत्यादि सामान्य कार्य किए जाते हैं ।
  2. विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर ( Special Purpose Computer ) : – विशेष कार्य को पूरा करने के लिए इन कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता है । इनका उपयोग अन्तरिक्ष विज्ञान , मौसम विज्ञान , उपग्रह संचालन , यातायात नियन्त्रण , कृषि – विज्ञान , इंजीनियरिंग , भौतिक तथा रासायनिक विज्ञान में शोध , उपग्रह संचालन इत्यादि क्षेत्रों में विशेष कार्य को पूरा करने के लिए किया जाता है । इसमें प्रयोग किए गए CPU की क्षमता अधिक तीव्र होती है , जिस कारण विशेष कार्य को पूरा करता है ।

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